भारत: वैश्विक एआई डेटा सेंटर हब बनने की ओर…
भारत में एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के बढ़ते उपयोग और डिजिटल परिवर्तन के चलते, देश का डेटा सेंटर उद्योग अभूतपूर्व विस्तार की ओर अग्रसर है। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, भारत की डेटा सेंटर क्षमता 2025 के अंत तक 2,070 मेगावाट (MW) तक पहुंचने की संभावना है, जो वर्तमान में लगभग 1,255 MW है ।
📊 प्रमुख आंकड़े और अनुमान
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डेलॉइट इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को 2030 तक एआई की मांग को पूरा करने के लिए 45-50 मिलियन वर्ग फुट अतिरिक्त रियल एस्टेट स्पेस और 40-45 TWH अतिरिक्त बिजली की आवश्यकता होगी।
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CRISIL का अनुमान है कि भारत की डेटा सेंटर क्षमता FY27 तक 2-2.3 गीगावाट (GW) तक बढ़ सकती है, जिसके लिए अगले तीन वर्षों में ₹55,000-65,000 करोड़ के निवेश की आवश्यकता होगी ।
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Avendus Capital की रिपोर्ट के अनुसार, एआई के नेतृत्व में डेटा सेंटर की मांग अगले चार वर्षों में 500 MW की अतिरिक्त क्षमता जोड़ सकती है ।
🏢 प्रमुख निवेश और परियोजनाएं
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Microsoft ने भारत में अगले दो वर्षों में $3 बिलियन के निवेश की घोषणा की है, जिससे Azure क्लाउड और एआई क्षमताओं का विस्तार होगा। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 1 करोड़ भारतीयों को एआई में प्रशिक्षित करना है ।
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RackBank ने रायपुर, छत्तीसगढ़ में ₹1,000 करोड़ की लागत से 80 MW क्षमता वाला एआई डेटा सेंटर पार्क उद्घाटन किया है, जिसमें 100,000 GPU होंगे ।
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Google Cloud ने भारत में अपने एआई स्टैक का पूरा विस्तार करने की योजना बनाई है, जिससे देश में एआई क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा ।
🌆 प्रमुख शहरों में विकास
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मुंबई: डेटा सेंटर क्षमता में 40% की वृद्धि की संभावना, जिससे यह देश का प्रमुख हब बन सकता है ।
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चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर: क्रमशः 25% और 15% की वृद्धि की संभावना, जिससे ये शहर भी प्रमुख केंद्र बन सकते हैं।
⚡ ऊर्जा और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां
भारत की डेटा सेंटर क्षमता में वृद्धि से ऊर्जा मांग में भी वृद्धि होगी। अनुमान है कि 2030 तक डेटा सेंटर की बिजली खपत राष्ट्रीय खपत का 3% से अधिक हो सकती है । इसके लिए राज्य-स्वामित्व वाली बिजली ग्रिड्स को मजबूत करने और ऊर्जा आपूर्ति को स्थिर बनाने की आवश्यकता होगी।
📈 निष्कर्ष
भारत में एआई और डेटा सेंटर उद्योग का यह विकास न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश को वैश्विक तकनीकी हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उचित नीतिगत समर्थन, निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ, भारत वैश्विक डेटा सेंटर और एआई नवाचार का केंद्र बन सकता है।